Diksha Thakur

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लेखनी कविता -16-Apr-2022

वो एक दिन 

वो एक दिन था 
जब मैं पहली बार स्कूल गई, 
कुछ खुश थी, कुछ उदास थी, 
पर जैसी भी थी खुश थी। 

उस एक दिन में मानो,
जैसे जिंदगी ही बदल गई मेरी। 
रोज़ समय पर स्कूल जाना,
मोज़ मस्ती छूट सी गई मेरी।

वो एक दिन था 
जब बचपन में मैं अपनी सहेलियों के साथ खेलती थी ,
परंतु आज वो दिन कहां, 
रह गई तो सिर्फ उस दिन की यादें। 

काश! वो दिन फिर से  आ जाए, 
उस दिन को हम ऐसे जिए, 
कि वो दिन हमारे जीवन का हसीन दिन बन जाए। 

दीक्षा ठाकुर ✍✍✍


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9 Comments

बहुत खूब लिखा

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Shnaya

17-Apr-2022 11:17 AM

Very nice

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Swati chourasia

17-Apr-2022 07:03 AM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

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Diksha Thakur

17-Apr-2022 10:51 AM

Thank you 😊

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Diksha Thakur

17-Apr-2022 10:51 AM

Thank you 😊

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Diksha Thakur

17-Apr-2022 10:52 AM

Thank you 😊

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